पति का छोटा लिंग और ड्राइवर के साथ वाइल्ड चुदाई (1,018 views)
नमस्कार मेरे प्यारे पाठकों, मैं प्रिया शर्मा हूं, उम्र 32 साल, चंडीगढ़ में रहती हूं। मेरे माता-पिता लुधियाना से हैं, जहां मैं पली-बढ़ी। शादी के समय मेरी उम्र 27 साल थी, और पति राजेश कुमार की 30। राजेश का कपड़ों का बड़ा कारोबार है, तीन फैक्ट्रियां चलती हैं जो एक्सपोर्ट क्वालिटी गारमेंट्स बनाती हैं। पैसों की कोई कमी नहीं, मेरा मायका भी अमीर व्यापारी परिवार से है। जिंदगी लगभग परफेक्ट थी – राजेश बेहद केयरिंग और रोमांटिक इंसान हैं। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आखिर मैंने उनके साथ धोखा क्यों किया? क्यों मैं इतनी बेवफा बन गई?
शादी से पहले राजेश एक प्रोफेशनल रेसलर थे, पंजाब में उनका नाम हर कोई जानता था। लेकिन एक भयानक एक्सीडेंट ने सब बदल दिया। उनके शरीर में कई बदलाव आए, जिनमें से एक उनका प्राइवेट पार्ट भी सिकुड़कर सिर्फ 2 इंच का रह गया। दिल्ली, मुंबई हर जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं। अगले महीने वो कनाडा जा रहे हैं स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए। मैं दिल से दुआ करती हूं कि वो जल्द ठीक हो जाएं, क्योंकि मैं उन्हें प्यार तो बहुत करती हूं।
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अब सीधे कहानी पर आती हूं। मैं बचपन से ही बेहद कामुक और सेक्सी नेचर की लड़की थी। स्कूल टाइम में ही मैंने अपने कजिन ब्रदर के साथ पहली बार सेक्स ट्राय किया, जब मेरी चूचियां अभी पूरी तरह विकसित भी नहीं हुई थीं। लड़कों को देखते ही मेरी चूत में आग लग जाती थी, मैं अपनी गांड हिलाती चलती और सोचती कि कोई मुझे पकड़कर चोद दे। लेकिन घरवालों की सख्त नजर थी, वो जानते थे कि मैं थोड़ी ढीली हूं, इसलिए डांट-डपट से मैं कंट्रोल में रहती। फिर भी, कई लड़कों से शारीरिक संबंध बने – हमारे फार्म पर काम करने वाले मजदूर से मैं कई बार चुदी, क्योंकि उसका लंड 9 इंच लंबा और मोटा था, जो मेरी 38 साइज की ब्रा वाली भारी चूचियों और मोटी उभरी गांड को परफेक्ट सूट करता। मेरे होंठ रसीले गुलाबी, गाल सेब जैसे लाल, और बॉडी इतनी सेक्सी कि कोई देखे तो लंड खड़ा हो जाए।
शादी के शुरुआती महीनों में राजेश मुझे रोज रात को चोदते, लेकिन एक्सीडेंट के बाद सब बर्बाद। उनका छोटा लंड मेरी चूत में कुछ फीलिंग ही नहीं देता। वो तो मुझे तैयार करने में माहिर थे – पहले मेरे सारे कपड़े धीरे-धीरे उतारते, ब्रा-पैंटी निकालकर मेरे पूरे बदन पर जीभ फेरते। खासकर जब वो जीभ मेरी चूत के अंदर डालकर घुमाते, क्लिटोरिस को चूसते, तो मैं पानी-पानी हो जाती। मेरा रस टपकता, वो चाट जाते। फिर मेरी चूचियों पर जीभ फिराते, निप्पल्स को दांतों से काटते, मेरे रोम-रोम में करंट दौड़ता। मैं भी वाइल्ड होकर उनके लंड को चूसती, अंडकोष को जीभ से सहलाती, गांड में उंगली डालती। लेकिन जब चोदने की बारी आती, उनका 2 इंच का लंड कुछ नहीं कर पाता। मैं गुस्से में धक्का देकर अलग हो जाती, बाथरूम में जाकर शावर लेकर ठंडी होती। राजेश को भी दुख होता, लेकिन मैं क्या करती? वासना की आग तो बुझानी थी।
एक दिन मैंने सोचा, जिंदगी जीने के लिए है, क्यों घुट-घुटकर मरूं? पहले भी कई से चुदी हूं, तो एक बार और सही। राजेश को कहा, "डार्लिंग, तुम कल दिल्ली जा रहे हो बिजनेस ट्रिप पर। गर्मी से मैं परेशान हूं, मुझे 4-5 दिन का शिमला का पैकेज बुक करवा दो। अकेली रिलैक्स करूंगी।" उन्होंने तुरंत एक लग्जरी रिजॉर्ट में सुइट बुक किया, और बोले, "बीएमडब्ल्यू कार ले जाओ, ड्राइवर विक्रम को साथ ले लो। उसके लिए पास के होटल में रूम भी बुक करवा दिया।"
शिमला पहुंची शाम को, ठंडी हवाएं मेरी स्किन को छू रही थीं। विक्रम ने मुझे ड्रॉप किया और घूमने चला गया। मैंने बार में जाकर 4 पेग व्हिस्की पी ली, हल्का डिनर किया। नशा चढ़ा, बॉडी गर्म हो गई। विक्रम को फोन किया, "विक्रम, मेरे लिए माइग्रेन की दवा लाओ, सिर फट रहा है।" वो आया, दवा दी। मैंने उसे 1000 रुपये दिए, लेकिन उसने मना किया। सिर दर्द बढ़ा, तो विक्रम बोला, "मैडम, मेरे पास स्पेशल आयुर्वेदिक ऑयल है कार में। मालिश कर दूं?" मैंने हां कहा। मैंने बाल खोल दिए, सिल्की नाइटगाउन पहना, जिसमें मेरी चूचियां उभर रही थीं। विक्रम ने सिर पर ऑयल लगाया, मसाज की। उसका स्पर्श मुझे गुदगुदा रहा था। मैंने कहा, "हाथ-पैरों पर भी लगा दो।" गाउन घुटनों ऊपर उठाया, मेरे गोरे मोटे जांघों को देखकर वो रुक गया। मैंने कहा, "शर्मा मत, करो।" फिर मैंने 3000 रुपये निकाले, लेकिन वो बोला, "मैडम, आपकी सर्विस मेरा फर्ज है।"
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नशे में मैं भावुक हो गई, रोते हुए बोली, "विक्रम, तुम्हें पता है मैं क्यों उदास हूं? राजेश का लिंग छोटा हो गया है, मैं संतुष्ट नहीं होती।" सब बता दिया। विक्रम सुनकर उठा, लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़ा, "मदद करोगे?" वो मुस्कुराया, "मैडम, साहब को पता न चले।" मैंने गाउन उतार फेंका, नंगी हो गई। मेरी 38D चूचियां बाहर लटक रही थीं, निप्पल्स हार्ड। विक्रम ने हाथ रखा, दबाया। फिर वो टूट पड़ा – मेरी चूत में उंगली डाली, घुमाई, क्लिट को रगड़ा। मैं सिसकारियां भर रही थी, "आह... चाटो ना!" वो जीभ से चूत चाटने लगा, अंदर तक डाला, रस पी गया। मेरी गांड में उंगली डाली, मैं पागल हो गई। फिर मैंने उसका पैंट खोला – 9 इंच का काला मोटा लंड, नसें फूली हुईं। मैंने मुंह में लिया, चूसा, गले तक उतारा।
फिर असली खेल शुरू। वो मुझे डॉगी स्टाइल में चोदा, गांड पर थप्पड़ मारे। मैं चिल्लाई, "जोर से... फाड़ दो!" मिशनरी में चूचियां मसली, निप्पल्स चूसे। रिवर्स काउगर्ल में मैं ऊपर बैठी, लंड पर उछली। रात भर 4 राउंड चले – हर बार ऑर्गेज्म इतना इंटेंस कि मैं कांप गई। शिमला के 5 दिन मेरी जिंदगी के सबसे हॉट थे। अब जब भी वासना की आग लगती है, विक्रम को बुलाती हूं। घर में, कार में, कहीं भी। जिंदगी फिर से रंगीन हो गई
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