मामा जी का मोटा लंड और मेरी टाइट चूत (849 views)
गर्मियों की एक चिपचिपी दोपहर थी, जब जयपुर की गलियों में धूप की तपिश हवाओं को गर्म कर रही थी। मैं, गरिमा , 23 साल की जवान लड़की, अपने मायके में छुट्टियाँ बिताने आई थी। मेरी स्लिम फिगर, टाइट अनारकली सूट में उभरी मेरी चूची, और मेरी कमर का कामुक कर्व हमेशा नजरों को खींचता था। मेरे मामा जी, रमेश, 48 साल के, एक जमींदार, जिनका रौबदार अंदाज और गहरी भूरी आँखें मुझे बेचैन कर देती थीं। उनकी नजर मेरी चूत पर अटकती थी, और मैं उनके मोटे लंड की ताकत को उनकी मजबूत कद-काठी में देख लेती थी। उस दिन, मेरी मौसी और बाकी परिवार वाले एक रिश्तेदार के यहाँ गए थे, और घर में सिर्फ मैं और मामा जी थे, क्योंकि मामा जी को खेतों की देखरेख के लिए रुकना पड़ा।
मामा जी आंगन में एक चारपाई पर बैठे थे, और मैं उनके लिए ठंडा नींबू पानी लेकर आई। मेरे अनारकली का दुपट्टा पसीने से गीला होकर मेरे बदन से चिपक गया था, जिससे मेरी चूची का उभार साफ दिख रहा था। उनकी आँखों में एक कामुक चमक थी। “गरिमा, तू तो इस गर्मी में भी ठंडक की बयार लगती है,” उन्होंने गहरी आवाज में कहा। मैं शरमाते हुए बोली, “मामा जी, आप भी तो इतने जवान और ताकतवर दिखते हैं। लेकिन मेरी चूची और चूत की तरफ इतना क्यों देखते हैं?” वे हँसे और मेरे पास आकर फुसफुसाए, “क्यूंकि तेरी टाइट चूत मेरे मोटे लंड की प्यासी है, गरिमा। आज दोपहर को और गर्म कर देंगे।”
मैं खाट पर लेट गई, और मामा जी मेरे ऊपर झुक गए। उन्होंने मेरी चूची पर चुंबन लेना शुरू किया, उनकी जीभ मेरे निपल्स के चारों ओर घूम रही थी। मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगीं, “मामा जी, आपका चुंबन मेरी चूची में आग लगा रहा है।” उनका हाथ मेरी चूत की ओर बढ़ा, और उनकी उंगलियाँ मेरी टाइट चूत की नरम पंखुड़ियों को सहलाने लगीं। मेरा बदन काँप उठा, “मामा जी, आपकी उंगलियाँ मेरी चूत को पागल कर रही हैं।”

उन्होंने अपना मोटा लंड मेरी चूत के पास लाया और धीरे-धीरे अंदर डाला। मेरी टाइट चूत उनके लंड को जकड़ रही थी, और मैं दर्द और आनंद के मिश्रण में सिसकार उठी, “मामा जी, आपका मोटा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है।” उन्होंने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, हर धक्के के साथ मेरी चूची लय में हिल रही थी। मैंने उनकी चौड़ी पीठ पर नाखून गड़ाए, और उन्होंने मेरे निपल्स चूसे। “गरिमा, तेरी चूत मेरे लंड को पकड़े हुए है,” उन्होंने सिसकारते हुए कहा।
हमने काउगर्ल पोजीशन ली। मैं मामा जी के ऊपर चढ़ गई, और मेरी चूत ने उनके मोटे लंड को पूरा निगल लिया। मेरी चूची उछल रही थी, और उन्होंने मेरी कमर पकड़कर मुझे और जोर से चुदाई करने में मदद की। “मामा जी, आपका लंड मेरी चूत को स्वर्ग ले जा रहा है,” मैं चिल्लाई। उन्होंने मेरी चूची दबाते हुए कहा, “गरिमा, तेरी टाइट चूत मेरे लंड को नशे में डुबो रही है।”
हमने डॉगी स्टाइल पोजीशन ली। मैं खाट पर घुटनों के बल बैठ गई, मेरी चूची लटक रही थी, और मेरी चूत उनके लंड के लिए तैयार थी। उन्होंने पीछे से मेरी चूत में मोटा लंड डाला और जोर-जोर से चुदाई शुरू की। हर धक्के के साथ मेरी चूची हिल रही थी, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थी। “मामा जी, मेरी चूत को और जोर से चोदो,” मैं चिल्लाई।
हमने रिवर्स काउगर्ल पोजीशन ली। मेरी चूत उनके मोटे लंड पर लय में उछल रही थी, और मेरी चूची हिल रही थी। उन्होंने मेरी पीठ पर हल्का थप्पड़ मारा और मेरी चूची दबाई। “गरिमा, तेरी चूत मेरे लंड को फाड़ रही है,” वे चिल्लाए। मैं सिसकारते हुए बोली, “और आपका मोटा लंड मेरी चूत को नशे में डुबो रहा है।”
हमने मिशनरी पोजीशन ली। मैंने अपने पैर ऊपर किए, और मामा जी ने मेरी चूत में अपना मोटा लंड डाला। हर धक्के के साथ मेरी चूची उनकी छाती से टकरा रही थी। “मामा जी, आपका लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा है,” मैं चिल्लाई। उन्होंने मेरे निपल्स चूसे और जोर-जोर से चुदाई जारी रखी।हमने फिर स्टैंडिंग पोजीशन आजमाई। मैंने दीवार का सहारा लिया, और मामा जी ने मेरे एक पैर को ऊपर उठाकर मेरी चूत में लंड डाला। उनकी ताकत और गहराई ने मेरी चूत को और गीला कर दिया। “गरिमा, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है,” उन्होंने सिसकारते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “मामा जी, मेरी चूत आपके लंड की दीवानी हो गई है।”
हमने फिर से डॉगी स्टाइल लिया, लेकिन इस बार मामा जी ने मेरी चूत को इतनी तीव्रता से चोदा कि मेरी सिसकारियाँ चीखों में बदल गईं। हर धक्का मेरी चूत को फाड़ रहा था, और उनकी ताकत मुझे पागल कर रही थी। “मामा जी, मेरी चूत को और मत तड़पाओ,” मैं चिल्लाई। उन्होंने मेरी चूची पकड़ी और और जोर से धक्के मारे।दोपहर ढलने लगी थी, और हमारी साँसें अब भी गर्म थीं। हम एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए, मेरी चूची उनकी छाती से चिपकी थी, और मेरी चूत उनके मोटे लंड की गर्मी से थरथरा रही थी। उन्होंने मेरे माथे पर चुंबन किया और बोले, “गरिमा, तेरी टाइट चूत ने मुझे तेरा दीवाना बना दिया।” मैंने उनकी आँखों में देखकर कहा, “मामा जी, आप मेरी चूत के सच्चे बादशाह हैं।”
उस दोपहर की कामुक यादें मेरे दिल में बस गईं। हर बार जब मैं अकेले में उस पल को याद करती हूँ, मेरी चूत फिर से सिहर उठती है। मामा जी मेरे लिए सिर्फ परिवार का हिस्सा नहीं थे, बल्कि मेरी चूत के दीवाने बन गए। यह कहानी उस गर्मी की है, जो जयपुर की धूप में भी ठंडक देती है।जैसे-जैसे दिन बीतते गए, मैं और मामा जी चोरी-छिपे नजरें मिलाते। उनकी एक नजर मेरी चूत को फिर से गीला कर देती थी। हमने वादा किया कि जब भी मौका मिलेगा, हम फिर से उस आग को जलाएँगे। यह कहानी सिर्फ एक दोपहर की नहीं, बल्कि एक ऐसी आग की है, जो कभी नहीं बुझती।
Views: 849
